उष्णकटिबंधीय चक्रवात कर्क और मकर रेखा के मध्य उत्पन्न होने वाली अत्यंत विनाशकारी एवम अत्यधिक वेग वाले चक्रवात होते है ,इनका व्यास 100km से 500km तक का होता है जोकि शीतोष्ण चक्रवात की तुलना में बहुत कम होता है एवं एवम इनका आकार भी शीतोष्ण चक्रवातों की तुलना में कम होता है लेकिन इन चक्रवातों से जानमाल की व्यापक हानि होती है वही शीतोष्ण चक्रवात विनाशकारी नही होती है
ये चक्रवात तीव्र संवहन की प्रकिया पर आधारित होते है जिनमे कर्क और मकर दोनों ओर से आने वाली व्यापरिक पवनो का अभिसरण होता है।ग्रीष काल मे इनकी उत्पती अंतर उष्णकटिबंधीय अभिसरण(ITCZ) का उत्तरी और खिसकने से होती है ।इन चक्रवातों से काले कपाली मेघ का निर्माण एवं अत्यधिक वर्षा होती है
भारत की भौगोलिक स्थिति के कारण यहां उष्णकटिबंधीय चक्रवात का प्रभाव रहता है
भारत में चक्रवात बंगाल की खाड़ी एवम अरब सागर दोनों स्थानों में उत्पन्न होते हैं परन्तु बंगाल की खड़ी में अधिक उत्तपन्न होते है क्योंकि बंगाल की खाड़ी का गर्म जल या गर्म सतह उष्ण कटिबंधीय चक्रवातों की उत्पत्ति के लिए आदर्श दशाएं प्रदान कर देता है जिसके कारण बंगाल की खाड़ी में उष्णकटिबंधीय चक्रवात उत्पन्न होते हैं और पूर्वी जेट धारा के सहारे पश्चिम की ओर बढ़ते हैं ,जिस कारण पूर्वी हिस्सा, पश्चिमी हिस्से से ज्यादा संवेदनशील हो जाता है क्योंकि यहां पूर्वी जेट धाराओ का प्रभाव होने के कारण चक्रवातों की तीव्रता अत्यंत बढ़ जाती है और ये चक्रवाय विनाशकारी परिणाम डालते है इसी कारण उष्णकटिबंधीय चक्रवातों के कारण भारत का पूर्वी तट अपने पश्चिमी तट से अधिक असुरक्षित है …..<a href=”https://www.prepmate.in/question/hindi-22-05-2020/”>Read More</a>Start your code .....<a href="https://www.prepmate.in/question/hindi-22-05-2020/">Read More</a> hereStart your code here
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